जब आप 30 सप्ताह की गर्भवती हो जाती हैं शिशु खुद को तेजी से विकसित करने लगा होता है गर्भाशय भी सामान्य रूप से बाहर निकल रहा होता हैं जिसके चलते आप खुद को एक चलता फिरता गेंद समझने लगी होती हैं।
तीस सप्ताह गर्भावस्था में आप फिर उन्हीं पुराने प्रेगनेंसी सिंप्टम्स से रूबरू होने वाली है जिसे आप पहली तिमाही में छोड़ आई थी। शायद फिर आप पहले की तरह बहुत थकी और परेशान भी रहने लगेंगी। बार-बार पेशाब की तीव्र इच्छा, यह सब सच में बेहद असुविधाजनक होते है।
लेकिन अब बस 10 सप्ताह और बचें हैं तब तक आपको अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए
30 सप्ताह गर्भवती होने पर शिशु लगातार विकसित हो रहा होता हैं यहां मुख्य रूप से शिशु अपना वजन बढ़ा रहा होता है जिससे वह खुद को गर्भ के बाहर जीवन के लिए तैयार हो रहा होता है। मतलब आपको अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना है
30 week of pregnancy मतलब – 7 माह गर्भावस्था
3rd trimester मतलब – गर्भावस्था तीसरी तिमाही
10 week’s to go मतलब – 10 सप्ताह बचें
Table of Contents
तीस सप्ताह गर्भावस्था – शिशु का विकास, प्रेगनेंसी सिंप्टम्स और देखभाल से जुड़ी जरूरी बाते | 30 week pregnant in hindi
Here’s quick summary
- जैसे-जैसे शिशु का मस्तिष्क विकसित हो रहा है उनमें खांचों और डाड़ियों जैसी आकृति आने लगी है।
- शीशु के हाथ पूरी तरह बन गए हैं तथा उसके नाखून भी बढ़ने लगे हैं
- जैसे-जैसे शिशु बढ़ रहा है वह मजबूत भी बनते जा रहा है आप उसकी हरकतों को भी महसूस कर सकतीं हैं।
तीस सप्ताह गर्भावस्था में शिशु का विकास | Baby development by week 30 in hindi
शिशु का आकार 30 सप्ताह गर्भावस्था – baby size
यकीनन आपका बढ़ता गर्भाशय संकेत है आपका शिशु दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है उसका वजन भी 3 पाउंड लगभग 1.4 किलोग्राम के जितना हो गया है उसकी लंबाई 15 ½ इंच लगभग 41 सेंटीमीटर जितना बड़ा हो गया होता है।
आपका शिशु प्रति सप्ताह आधा पाउंड वजन में और आधा इंच लंबाई में बढ़ रहा होता है शायद इसलिए आपकी 30 सप्ताह प्रेगनेंट बैली बहुत टाइट महसूस होने लगी होती है।
शिशु में मस्तिष्क का विकास – brain development
तेजी से विकसित होता शिशु अब उसके मस्तिष्क का विकास भी गती पकड़ रहा होता हैं। मस्तिष्क की सतह जो चिकनी हुआ करती थी अब इनमें खांचों और डंडियों का विकास होने लगा है मतलब मस्तिष्क भी अपने असल रूप में आने लगा है
ये जरूरी भी है क्योंकि ऐसा होना मस्तिष्क को अधिक से अधिक कोशिकाओं को संभाल पाने की क्षमता प्रदान करता है। यहीं बदलाव आगे चलकर शिशु में बौद्धिक क्षमता का विकास करता है।
लनुगो गायब हो रहा – lanugo is disappearing
क्युकी अब शिशु का दिमाग और फैट कोशिकाएं उसके शारीरिक तापमान को नियंत्रित करने लगें हैं इसलिए लनुगो (बालों जैसे कोशिका जो शिशु की त्वचा को ढके हुई थे) धीरे-धीरे गायब होने लगा है लेकिन इसके कुछ अंश आप जन्म के बाद भी शिशु के शरीर पर देख सकती हैं।
लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण – bone marrow start forming red blood cells
एक और बड़ा बदलाव जो 30 सप्ताह गर्भावस्था में होने जा रहा होता हैं, शिशु में bone marrow लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने लगें है।
शिशु में विकास का यह सफर भी बहुत अहम हैं जिसका मतलब है शिशु गर्भ के बाहर जीवन के लिए तैयारी में सफल हो रहा है।
गर्भ के बाहर जीवन
30 सप्ताह में जन्में शिशु अभी भी बहुत प्रिमेच्योर होते है। हालांकि, बढ़ते सप्ताहों के साथ शिशु के गर्भ के बाहर सरवाइव करने के चांसेस बढ़ तथा किसी प्रकार की एबनॉर्मल डिसएबिलिटी होने के चांसेस कम हो जाते हैं। जन्म के बाद शिशुओं को NICU के स्पेशल केयर में रखा जाता हैं। इस सप्ताह जन्मे शिशुओं के सरवाइव करने के चांसेस 98% होते हैं
तीस सप्ताह में गर्भवती का शरीर | Your body at 30 week pregnant in hindi
प्रेगनेंसी सिंपटम्स का वापस आना – pregnancy symptoms returning
अब आप 30 सप्ताह की गर्भवती हो गई हैं मतलब 10 सप्ताह और, बहुत से पुराने प्रेगनेंसी सिंपटम्स जो आपको लगता था आप उन्हें पीछे छोड़ आई हैं वह भी वापस आने लगें होते हैं जैसे – बार बार पेशाब की तीव्र इच्छा, स्तनों का भारीपन, थकान
या आप आप उन खुशनसीब गर्भवतीयों में होंगी जो इस सप्ताह भी बिल्कुल ठीक महसूस कर रही होंगी। जो भी हो यह सब पूरी तरह सामान्य है।
हार्ट बर्न – heart burn
इन दिनो आप इन्हे कुछ ज्यादा ही महसूस करने लगी होंगी, मानो आपके सीने में आग जल रही हो। अपच का होना इसका एक प्रमुख कारण है। ऐसा इसलिए! क्योंकि जो प्रेगनेंसी हार्मोन शरीर के दूसरे मसल्स टिशु को रिलैक्स करते हैं जिससे गर्भवती शिशु को आसानी से जन्म दे सके…
वहीं हार्मोन, आंतो की कोशिकाओं को भी रिलैक्स कर देते हैं यही कारण है पाचन रसायन और खाने के पेट से ऊपर रहने का, बढ़ता हुआ गर्भाशय भी इसमें अहम भूमिका निभाता है।
अब सवाल आता है क्या इसका कोई उपचार है? – खाद्य पदार्थों में आप उन चीजों से दूर रहे जो पाचन में गड़बड़ी कर सकते हैं जैसे – तीखा वसापूर्ण भोजन, इन सबके बाद आपको थोड़ा-थोड़ा करके खाना चाहिए तथा खाने के तुरंत बाद सोए नहीं
वैसे शिशु के जन्म के बाद ये सभी प्रेगनेंसी सिंप्टम्स भी अपने आप ही ठीक हो जाएंगे।
तीस सप्ताह गर्भावस्था के लक्षण | 30 week symptoms of pregnancy in hindi
भ्रूण हरकतों में बदलाव – changes in baby movement
वैसे तो रोजाना ही आप शिशु की हरकते महसूस करती होंगी, कई बार उसकी लातों को जो बहुत ताकतवर हो गए होते है। कई बार इधर उधर घूमने या खिंचाव को भी आप महसूस कर सकतीं हैं
खाने के बाद या जब आप सोने के लिए जा रहीं होती हैं तब शायद शिशु कुछ ज्यादा ही हरकत करने लगा होता हैं। लेकिन यदि आप किसी तरह के अनिश्चित हरकतों को महसूस करें तो इसकी सूचना तुरंत अपने डॉक्टर को दे।
ब्लोटिंग और गैस – bloating and gas
गर्भाशय भी अब शरीर पर प्रेशर डालने लगा होता है जिसके कारण आप रेक्टम पर भी दबाव महसूस कर सकतीं हैं। इन्हीं दबाव के कारण शरीर का नियंत्रण कुछ अंगों से छूट जाता है जो फिर गैस जैसी समस्या, कब्ज का कारण बनते हैं। यहां आपको अधिक से अधिक पानी पीने पर ध्यान देना चाहिए।
पैरों तथा एड़ियों में सूजन –
गर्भावस्था के इस दौर में लगभग 75% गर्भवतीयां पैरों की इस समस्या से जूझती हैं। पैरों में सूजन हों जाना, यहां आरामदायक जूते – चप्पलों का उपयोग आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा। आराम पाने के लिए आपको थोड़ी थोड़ी देर में पैरों को आराम देते रहे
कब्ज – constipation
इस समस्या से पहले हि आप क्यों ना राहत पा चुकी हो! मगर शायद फिर आपको सुस्थ पाचन तंत्र की समस्या से जूझना पड़ सकता हैं। ध्यान रखें, आपको अधिक से अधिक फ्लूइड और फाइबर लेते रहना है। पाचन सही रखने के लिए आप दही का सेवन कर सकते हैं।
स्ट्रेच मार्क्स – stretch marks
बढ़ते गर्भाशय को सपोर्ट करने के लिए त्वचा भी खीचाव महसूस करती हैं। जिसकी वजह से लगभग 90% गर्भवतियां अपनी त्वचा में गुलाबी, लाल, भूरे रंग के निशान उभरते देख सकती हैं। वैसे प्रेगनेंसी में इस समस्या से बचने का कोई रास्ता नहीं है लेकिन आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं, जन्म के बाद ये अपने आप ही ठीक होने लगते हैं।
थकान – fatigue
अब तो दूसरी तिमाही भी आकर चली गई है आपका बढ़ता शिशु लगातार शरीर पर दबाव डाल रहा होता है इनसोम्निया की वजह से आप दिन में भी नहीं सो पाती होगी, आपको मदद लेने की जरूरत है।
तीस सप्ताह गर्भावस्था में पेट निकलना | Pregnant belly at 30 week in hindi
शायद आप महसूस कर सकतीं हैं आपकी 30 सप्ताह प्रेगनेंट बैली बहुत टाइट और कठोर हो गई है। नकली संकुचन (बॉक्सटन हाइक्स कांट्रैक्शन) महसूस होना इस सप्ताह सामान्य बात है। वैसे ये सब आपके शरीर का ही तरीका है खुद को उन अंतिम दिनों के लिए तैयार करने का, जिस कारण आप कॉन्ट्रेक्शन भी महसूस करने लगी होती है
जब आप इन्हें महसूस करने लगे तो आराम से बैठे या लेट जाएं, थोड़ा पानी पिए। यदि इन सब के बावजूद कॉन्ट्रेक्शन बन्द ना हो अथवा हर घंटे 4 से अधिक बार महसूस होने लगे तो तुरंत अपने डॉक्टर को सूचित करे क्योंकि ये प्रिटर्म लेबर का संकेत हो सकता है।
30 सप्ताह में आपका वेट गेन 18 से 25 पाउंड तक होता है। हालांकि, यदि आप जुड़वा बच्चों से गर्भवती है तो 25 से 40 पाउंड तक वजन गेन कर गई होंगी। तथा पेट की मौलिक लंबाई (प्यूबिक बोन से गर्भाशय के ऊपरी सतह तक) 28 से 32 सेंटीमीटर होता है
यदि आप समान्य रूप से वेट गेन कर रही है तो वजन में उतार-चढ़ाव आना सामान्य है। मगर अचानक वजन का अत्याधिक कम होना या बढ़ जाना प्रीकॉलेप्सिया को लक्षण है अपने निर्देशक को इसकी जानकारी तुरन्त दे
तीस सप्ताह गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड | Ultrasound in 30 week of pregnancy in hindi
अगर शुरुआत से ही आपकी प्रेगनेंसी में कोई समस्या नहीं आई होगी, तो शायद 30 सप्ताह में आपका कोई अल्ट्रासाउंड टेस्ट नहीं होगा। लेकिन यदि आप देखना चाहते हैं 30 सप्ताह गर्भ में शिशु कैसा है उसकी त्वचा बहुत मुलायम हो गई है मस्तिष्क में खांचे और डंडियों जैसी आकृति बनने लगीं हैं आपका 30 सप्ताह शिशु इतना मजबूत बन गया है कि वह चीजों को आसानी से पकड़ भी सकता है।
जुड़वा बच्चों से 30 सप्ताह गर्भवती होने पर आपके दोनों ही शिशु एक समान दर से विकसित हो रहे होते हैं। हालांकि, 32 सप्ताह में इनका विकास दर थोड़ा धीमा पड़ जाता है।
गर्भावस्था में याद रखने वाली चीजें – 30 week pregnant checklist
- प्रीनेटल विटामिंस लेते रहे, हेल्थी फ़ूड खाएं और खूब सारा पानी पिए
- थोड़ा एक्सरसाइज जरूर करें, किगल एक्सरसाइज
- दोस्त, परिवारजनों के साथ समय बिताए
- थोड़ी थोड़ी देर में हाथों में मूवमेंट करते रहे
- डिलीवरी के लिए हॉस्पिटल का चुनाव पहले से कर ले
गर्भावस्था तीस सप्ताह केयर टिप्स | Self care tips 30 week pregnant in hindi
छोटी छोटी सांसो का इलाज
क्या आप भी जल्दी सांस फूलने से परेशान हैं? जैसे-जैसे आपका शिशु बढ़ा होते जाता है आकार बढ़ने से यह आपके डायग्राम पर प्रेशर बनने लगता हैं जिस वजह से थोड़े से शारीरिक कसरत के बाद सांस फूलने लगता है।
वैसे तो प्रेगनेंसी में सांस फूलने की समस्या से छुटकारा नहीं पाया जा सकता, मगर सीधे खड़े होना, फेफड़ों में ज्यादा हवा जाने के लिए थोड़ी जगह दे सकता है।
समतल चुने
शारीरिक भार में बदलाव आना तथा जॉइंटस् का लचीला होना प्रेगनेंसी में समान्य हैं। ये आपके शरीर को पहले के मुकाबले बहुत लचीला बना देता है। गिरने से बचने अथवा किसी तरह की दुर्घटना से बचने के लिए आपको समतल जूते अथवा चप्पल का प्रयोग करना चाहिए। चलते समय अपने कदम संभाल कर चलें
पानी की कमी से बचें
अधिक से अधिक पानी पिए, ज्यादातर लोग अधिक पानी पीने को इसके वजन से मापते हैं। लेकिन अधिक पानी पीना, पानी की कमी और सूजन जैसे लक्षणों को कम करता हैं।
हालांकि, कुछ मात्रा में फुलाव प्रेगनेंसी में होता ही है जो सामान्य और फ्लूइड बढ़ने का कारण होता है। फ्लूइड को बहने देना उन्हे एकत्रित होने से रोकता है जहां आप इसे देख रही होंगी जैसे – एड़ियों में, मोजे पहनना इसमें कुछ सहायता कर सकता हैं
मानसिक स्वस्थ्य का ध्यान रखें
मानसिक उतार-चढ़ाव होना प्रेगनेंसी का ही एक पार्ट हैं और शायद यह जानना ही आपकी कुछ समस्याओ का निदान कर देगा, लेकिन इसके साथ आपको उन चीजों को करने की जरूरत है जो मानसिक रूप से आपको संतुलित रहने मे मदद करें
- रात को विश्राम के लिए सही जगह का चुनाव करें
- हेल्दी, संतुलित भोजन करें
- थोड़ा बहुत शारीरिक कसरत करें
- क्वालिटी टाइम अपने पार्टनर, फैमिली, और दोस्तों के साथ बिताए
- जरूरत पड़ने पर मदद ले
- अपने डॉक्टर या हेल्थ केयर से सलाह लेते रहें
तीस सप्ताह के लिए प्रेगनेंसी डाइट
यदि आप वेजीटेरियन है तो आपको जरूरी पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन बी12, कैल्शियम, विटामिन डी, डीएचए, आयरन और फोलेट की उचित मात्रा लेना आवश्यक हैं
- प्रोटीन युक्त भोजन खाए – जैसे नाइट्स, मूंगफली, दाल
- यदि आप दूध नहीं पीना चाहती, तो आप दही का सेवन करें
- हरी सब्जियां खाये, रेशेदार फल और सब्जियां जरूर सेवन करे
FAQ. प्रेगनेंसी में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर
क्या प्रेगनेंसी में सेक्स कर सकते हैं?
जी हां…, प्रेगनेंसी में संभोग करना पूरी तरह सुरक्षित हैं व इससे शिशु को कोई नुक्सान नहीं होता है, बल्कि शिशु को इन सबका कुछ पता ही नहीं होता
प्रेगनेंसी में कौन सी गलतियां ना करें?
प्रेगनेंसी में नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रहें, ऐसे कार्यों को न करें जिसमें अत्याधिक शारीरिक कसरत की जरूरत हो
प्रेगनेंसी में क्या करना चाहिए?
एक प्रेगनेंसी बहुत से उतार चढ़ावो से भरा होता है इसलिए आपको एक हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाने की जरूरत है, अपने पार्टनर, परिवारजनों और दोस्तों के साथ समय व्यतीत करें
Hindiram के कुछ शब्द
30 week of pregnancy in hindi : प्रेगनेंसी का ये सप्ताह गर्भवती और शिशु दोनों के लिए अनेकों बदलाव लेकर आता है लेकिन अभी सबसे जरूरी होगा आप खुद का और शिशु का ख्याल रखें, हेल्दी डाइट ले, और अधिक से अधिक पानी पिए, यदि आपको किसी प्रकार की शंशा हैं तो अपने निरीक्षक से परामर्श कर सकते हैं