गर्भावस्था 33वां सप्ताह – शिशु विकास, गर्भावस्था लक्षण और प्रेगनेंसी केयर टिप्स | 33 week pregnant in hindi

आपकी गर्भावस्था अब 33 सप्ताह लंबी हो गई है मतलब की आपने तीसरी तिमाही के आधे हिस्से को भी पार कर लिया है। शिशु भी अपने जन्म लंबाई के बहुत नजदीक हैं। मगर इस सप्ताह शिशु अपना वजन बढ़ाने में व्यस्त है।

शिशु के जन्म को लेकर आप बहुत उत्साहित महसूस कर सकतीं हैं। इस समय आप अधिक सूजन, दर्द, हार्टबर्न और अपच जैसे प्रेगनेंसी सिंप्टम्स का सामना भी कर रहीं होती हैं। आप खुद को बहुत थकी हुई और पेशाब की बार बार तीव्र इच्छा महसूस कर सकतीं हैं।

तैंतीस सप्ताह में चैन की नींद लेना या आराम दोनों ही बहुत कठिन कार्य लग रहें होते हैं। यहां तक कि खुद को सुविधापूर्ण अवस्था में रख पाना गर्भावस्था के इस समय आपके लिए चुनौती पूर्ण हों सकता हैं। आप शिशु से मिलने के लिए भी उत्साहित होंगी।

33 सप्ताह ही प्रेगनेंसी का वह समय है जब आपको अपने हॉस्पिटल जाने की तैयारी कर लेनी चाहिए। शायद कुछ सप्ताह आप शिशु से ना मिल पाए, मगर पहले से तैयारी कर रखना आपके लिए सुविधापूर्ण रहेगा।

33 week of pregnancy मतलब – 8 माह गर्भावस्था

3rd trimester मतलब – गर्भावस्था तीसरी तिमाही

7 week’s to go मतलब – 7 सप्ताह बचें

Table of Contents

तैंतीस सप्ताह गर्भावस्था – शिशु का विकास, प्रेगनेंसी सिंप्टम्स और देखभाल से जुड़ी जरूरी बातें | 33 week pregnant in hindi

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Here’s quick summary

  • शिशु की हड्डियां अभी भी लचीली है यही उसे जन्म के दौरान बर्थ कैनाल से बाहर आने में मदद करता हैं
  • शिशु अपने निगलने की प्रैक्टिस में कुछ मात्रा एमनीओटिक फ्लूइड की पी लेता है जो उसके आंतो को कार्य करने के लिए तैयार करते हैं
  • अब शिशु बहुत तेजी से वजन बढ़ाने लगा होता है लगभग आधा पाउंड प्रति सप्ताह

तैंतीस सप्ताह गर्भावस्था में शिशु का विकास | Baby development by week 33 in hindi

33 सप्ताह में शिशु का आकार कितना हैं – baby size

33 सप्ताह में आपका शिशु एक बड़े फूलगोभी के जितना बड़ा हो गया होता है उसका वजन 4.2 पाउंड और लंबाई 17.7 इंच तक बढ़ गई होती है तथा आने वाले कुछ सप्ताहों में शिशु अपने फुल बर्थ लेंथ में भी आ जाएगा।

शिशु अभी आधा पाउंड प्रति सप्ताह के दर वजन गेन कर रहा होता हैं।

शिशु की हरकतें – baby movements

गर्भ में इतना बड़ा शिशु और एमनियोटिक फ्लूइड ही आपके बढ़े हुए पेट का कारण है। 33 सप्ताह गर्भवती होने पर शिशु का आकर और बढ़ गया होता हैं जो आपको ऐसा प्रतीत करा सकता है फ्लूइड से ज्यादा शिशु है। यह भी एक कारण है क्यों शिशु की लाते आजकल ज्यादा तीखे लगने लगें होते हैं।

शिशु रात और दिन में अंतर कर सकता हैं

गर्भ में शिशु पूरी तरह इंसानों जैसे हरकतें करने लगा होता है यानी शिशु में अब समझ विकसित हों गई हैं जैसे – कब उसे सोना है, कब जागना है इसलिए शिशु आज कल बहुत नींद सोता हैं तो सुबह जल्दी उठ भी जाता है।

गर्भाशय के फैलने से उसकी दीवार भी पतली हो गई होती है जिससे प्रकाश भी आपके गर्भाशय के अंदर चली जाती हैं जो शिशु को दिन और रात में फर्क करने में मदद करता है।

शिशु का इम्यून सिस्टम डिवेलप हो रहा है

33 सप्ताह में शिशु में एक बहुत बड़ा बदलाव आता हैं। शिशु का शरीर इम्यून सिस्टम विकसित करने लगा है जैसे जैसे शिशु का इम्यून सिस्टम बनने लगा है एंटीबॉडी भी आपके शरीर से शिशु में जाने लगते हैं। यह शिशु को तब काम आएगा जब वह गर्भ के बाहर होगा

गर्भ के बाहर जीवन

एक मध्यम अवस्था का प्रिटर्म शिशु जो 33 सप्ताह में ही जन्म ले लेता है उसमें अभी भी विकास होना बांकी होता है। शिशु जो 33 सप्ताह में ही जन्म ले लेते है उन्हें जन्म के बाद स्पेशल केयर की जरूरत होती है। यहां अभी भी उनमें प्रिमेच्योर बर्थ रिलेटेड डिसएबिलिटी होने की संभावनाए हैं। हालांकि, शिशु जो 33 सप्ताह में जन्म लेते है गर्भ के बाहर उनके सर्वाइव करने के 99% संभावनाएं होती है।

तैंतीस सप्ताह में गर्भवती का शरीर | Your body at 33 week pregnant in hindi

इनसोम्निया – insomina

गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव का होना एक समान्य बात है। इसकी वजह से ही गर्भवती को पैरों में जकड़न, बार बार पेशाब, हार्टबर्न और सबसे बड़ा आपका बढ़ा हुआ पेट है। यह सब कहीं ना कहीं आपके नींद पर भी असर डाल रहा होता हैं।

तीसरी तिमाही के दौरान तो लगभग 4 में से 3 गर्भवतियों को इनसोम्निया की शिकायत रहती ही हैं। हालांकि, 33 सप्ताह गर्भावस्था में आपके शरीर को आराम की सख्त जरूरत है इसलिए अत्यधिक चिंता करना, समय गिनने से कुछ नहीं होने वाला

खुद को आराम दे, सोने से पहले गर्म स्नान, गर्म दूध पीना फायदेमंद रहेगा। लेकिन सोने से पहले एक्सरसाइज, खाना, मोबाइल स्क्रीनिंग से जितना दूर रहेंगे उतना आपके लिए अच्छा हैं।

अगर फिर भी नींद ना आए तो किताब पढ़े, म्यूजिक सुने, वैसे प्रेगनेंसी का ये सिंप्टम्स आपको बाद में काम आने वाला है।

प्रसव के संकेत

ये प्रसव के कुछ शुरुआती लक्षण है जिन्हें जल्द ही आप महसूस करेंगी –

  • शो (श्लेमा का बाहर आना)
  • पानी की थैली फुटना – एम्नियोटिक फ्लूइड का रिसाव होना
  • शिशु के बर्थ पोजीशन में आने से यूट्रस और पेल्विस पर प्रेशर महसूस होना
  • ब्रैक्सटन हाईक्स कांट्रेक्शन 
  • लोअर पेल्विस में ऐठन पीरियड के समान

जब आप लेबर (प्रसव) में होंगी, आप कांट्रेक्शन महसूस करेंगी। ये कांट्रेक्शन हर 1 घंटे में 5 बार महसूस होगा इसे आप 1 मिनट तक महसूस कर सकतीं हैं।

अगर आप ऊपर दिए कोई भी लक्षण महसूस करें या लेबर शुरू हो गया हो तो अपने डॉक्टर को तुरंत इसकी जानकारी दें। अगर 37 सप्ताह से पहले यह हो रहा है तो यह प्रिमेच्योर लेबर है।

ओमेगा 3 फैटी एसिड खाएं

बहुत से शोधों में यह सामने आया हैं जो गर्भवतियां प्रेग्नेंसी में ओमेगा 3 फैटी एसिड की भरपूर मात्रा लेती है उन बच्चों में जन्म के बाद दिमागी विकास सम्बंधी समस्या को बहुत कम आती है।

DHA एक तरह का प्रोटीन है जों शिशु के दिमागी विकास और विजन के लिए बहुत आवश्यक होता है। तीसरी तिमाही में ही एक शिशु DHA एकत्रित करता है। DHA गर्भावस्था में प्रिटर्मलेबर और पोस्टपार्टम डिप्रेशन कम करने में बहुत सहायक होता है।

मगर इस बात का ख्याल अवश्य रखें… गर्भावस्था में आप जो भी खाए वह फ्रेश, हल्दी और अच्छे से पका हुआ होना चाहिए

आप चाहे तो सप्लीमेंट्स भी उपयोग कर सकती हैं।

तैंतीस सप्ताह गर्भावस्था के लक्षण | 33 week symptoms of pregnancy in hindi

शिशु की ताकतवर हरकतें

दिन में दो बार आप शिशु की हरकतों को जरूर गिने… एक सुबह और एक शाम के समय, आप शिशु की हर छोटी-बड़ी हरकतों को नोटिस करें। जब गिनती 10 तक पहुंच जाय तो रुके, इसे 1 घंटे तक करें। अगर आपका शिशु कोई भी हरकत नहीं कर रहा तो घबराएं नहीं, पानी पिए और आराम करे, जब शिशु उठ जायेगा तब आप उसकी हरकतों को फिर से महसूस करने लगेंगी।

उभरी हुई नसें

देखने में ये उभरी हुई नसें अच्छी तो बिलकुल नहीं लग रही होती हैं। कई बार इनकी वजह से आप हल्का दर्द भी महसूस कर सकती हैं। लेकिन चिंतित ना हों, ये उभरी हुई नसें हानिकारक बिल्कुल भी नहीं होती। शिशु के जन्म के बाद ये पुनः पहले जैसे हो जाएगें।

राउंड लिग्मेंट पेन

जब भी आप अचानक से अपनी शारीरिक अवस्था (पोजीशन) बदलती होंगी जैसे – अचानक से उठ जाने पर, आप पेट के दोनों साइड हल्का दर्द महसूस करेंगी, इसे ही राउंड लिग्मेंट पेन कहते हैं। अगर ये दर्द कभी-कभार हो, इसके साथ बुखार या ठंड जैसी समस्या ना आए तब आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं, आप बस आराम करें।

नाखूनों का बढ़ना

प्रेगनेंसी हार्मोन नाखूनों को तेजी से बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहें होते हैं वहीं कुछ गर्भवतियां ऐसी भी होंगी जो इसके बिल्कुल विपरीत लक्षण महसूस करेंगी। अगर आपके नाखून कठोर हो गए हैं तो आपको अपने डाइट में बायोटीन शामिल करना चाहिए, जैसे – केला, एवोकाडो, नट्स

छोटी-छोटी सांसों की समस्या

बढ़ता हुआ पेट हर बार चीजों को दूर करने की कोशिश कर रहा होता है जैसे फेफड़ों को, जो पूरी तरह फैलने में असमर्थ होते हैं। वैसे ये समस्या शिशु की तुलना में आपके लिए ज्यादा असुविधाजनक है क्युकी शिशु को तो प्लेसेंटा से ऑक्सीजन मिल जाता हैं। यहां खुद के पोस्चर को सीधा रखना आपके लिए ज्यादा लाभदायक रहेगा।

क्लम्सिनेस

बड़े हुए पेट के कारण शारीरिक भार में भी बदलाव आया होता है इसलिए ज्यादा हरकतें करने की कोशिश ना करें

प्रेगनेंसी ब्रेन

ऐसा कहा जाता है महिलाएं जिनके गर्भ में लड़की होती हैं उन्हें ज्यादा भूलने की समस्या होती है। वैसे इस बात में कितनी सच्चाई है इसका तो पता नहीं, लेकिन इनके होने के पिछे प्रेगनेंसी हार्मोन का बहुत बड़ा हाथ होता हैं। इसलिए आप चीजों को लिखकर याद रखें।

ब्रैक्सटन हाइक्स कांट्रेक्शन – Braxton Hicks Contraction

अगर इससे पहले कभी अपने लेबर पेन महसूस नहीं किया है तो जरुर इसके बारे में सोच रही होंगी…!!

प्रसव (लेबर पेन) यदि आप इसके बारे में जानना चाहती हैं!! वैसे गर्भावस्था के इस दौर में आप लगातार कांट्रेक्शन महसूस कर रही होती हैं जैसे – हर थोड़े थोड़े समय में पीरियड के जैसे ऐठन, गर्भाशय में सिकुड़न महसूस करती होंगी। लेकिन अगर किसी महिला की पानी की थैली फूट जाती है तो उन्हें तुरंत चिकित्सीय सहायता लेनी चाहिए।

 

तैंतीस सप्ताह गर्भावस्था में पेट निकलना | Pregnant belly at 33 week in hindi

33 सप्ताह गर्भवास्था पहुंचते तक आप लगभग 22 से 28 पाउंड तक वजन गेन कर गई होती हैं। यदी आप 33 सप्ताह जुड़वा बच्चों से गर्भवती है तो 32 से 42 पाउंड वजन गेन कर गई होंगी। बहुत सी गर्भवतियों को तो गर्भावस्था में उनका कर्वी पोस्चर उन्हें काफी सेक्सी दिखा रहा होता है।

यदि अचानक से आप अपनी प्रेग्नेंट बैली को टाईट होता महसूस करें, ये बॉक्सटन हिक्स कॉन्ट्रेक्शन है। बॉक्सटन हिक्स कॉन्ट्रेक्शन वैसे ज्यादा दर्द भरे नहीं होते हैं तथा इसे आप तीसरी तिमाही की शुरुआत से ही महसूस करने लगी होती हैं। खासकर संभोग या एक्सरसाइज के बाद

बॉक्सटन हिक्स कॉन्ट्रेक्शन समान्य होने वाले संकुचनों से भिन्न है क्योंकि पोजीशन बदलने पर ये बंद हो जाया करते हैं। जबकि असल कॉन्ट्रक्शन चलता रहता है। इसे आप हर घंटे में 5 बार महसूस कर सकती हैं। यहीं असली प्रसव हैं।

तैंतीस सप्ताह गर्भावस्था में पीरियड के समान क्रैंपिंग होना प्रीटर्म लेबर का संकेत हो सकता है उसी तरह वेजाइनल ब्लीडिंग, असामान्य डिस्चार्ज या स्त्राव होना भी प्रसव के संकेत होते हैं। 33 सप्ताह गर्भावस्था में पेल्विस पर प्रेशर महसूस होना भी प्रीटर्म लेबर का संकेत हो सकता है इसलिए इन सभी लक्षणों पर नजर रखें। अगर कोई चीज आपको परेशान करें तो डॉक्टर से आप उस बारे में पूछ सकते हैं।

तैंतीस सप्ताह गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड | Ultrasound in 33 week of pregnancy in hindi

अगर 33 सप्ताह में आपका अल्ट्रासाउंड होता है आप देखेंगी – शिशु की आंख खुल गई है, शिशु सांस लेने की प्रैक्टिस कर रहा है मतलब शिशु खुद को उन सभी चीजों के लिए तैयार कर रहा हैं जो उसे गर्भ के बाहर जीवन के लिए आवश्यक है। अब तो शिशु की हड्डियां भी मजबूत हो गई होती है तथा शिशु अभी अत्याधिक रूप से मस्तिष्क विकास से गुजर रहा है।

33 सप्ताह में होने वाला अल्ट्रासाउंड एक बायोफिजिकल प्रोफेशनल टेस्ट होता है। इसे तीसरी तिमाही के दौरान किया जाता है उन गर्भवतियों की जिनकी प्रेगनेंसी में कोई कॉम्प्लिकेशन हों अथवा वे 33 सप्ताह जुड़वां बच्चों से गर्भवती है।

इस सप्ताह होने वाले अल्ट्रासाउंड में मुख्य रूप से शिशु की हरकतों, ब्रिथिंग, मसल टोन और एमनियोटिक फ्लूइड के लेवल आदि को जांचा जाता है। बीपीपी का दूसरा भाग एक नॉन स्ट्रेस टेस्ट है जिसमें शिशु की हार्ट रेट चेंजेज को जांचा जाता है।

गर्भावस्था में याद रखने वाली चीजें – 33 week pregnant checklist

  • एक गुड पोस्टर मेंटेन करें
  • अपनी बॉडी और मसल्स को स्ट्रेच करें
  • असुविधा महसूस करने पर पोजीशन बदले
  • थोड़ी थोड़ी देर में ब्रेक और रेस्ट लेते रहें
  • कंफर्टेबल, लूज फिटिंग (ढीले ढाले) कपड़े पहने

गर्भावस्था तैंतीस सप्ताह केयर टिप्स | Self care tips 33 week pregnant in hindi

हॉस्पिटल के लिए तैयार रहें

जैसे-जैसे शिशु का जन्म नजदीक आ रहा होता है आपको उसके आने की तैयारी पहले से करके रखनी चाहिए। डिलिवरी के लिए सबसे नजदीकी हॉस्पिटल का चुनाव कर रखें, ताकि सही समय आने पर आपको किसी प्रकार की समस्या ना हो

कैल्शियम की जरुरी मात्रा ले

अगर दूध पीना आपको अच्छा नहीं लगता तो आप कैल्शियम की पूर्ति के लिए दूसरे सोर्सेस का उपयोग कर सकती है। दूध के साथ स्मूदी या सूप, यह आपमें कैल्शियम की कमी को पूरा करने में मदद करेगा।

एक कप दही में भी आपको एक गिलास दूध के जितना कैल्शियम मिल जाएगा या फिर आप जूस जैसे – संतरे, अंगूर, सेब, जिसमें कैल्शियम होता है ले सकती हैं

यहां आपको विटामिन डी की भी पूर्ति करनी है 

अपसेट स्टमक का ईलाज

अगर आपका शरीर लेक्टोंस पचाने में समर्थ नहीं हो पा रहा है तो आप पाएंगी! दूध पीना आपको गैस, ब्लॉटिंग जैसी समस्या का दे रहा है।

आप चाहे तो लेक्टोज फ्री मिल्क ले सकते हैं या लेक्टोज टेबलेट ले सकते हैं या फ़िर कम मात्रा में दूध का सेवन करें, जिससे आपके शरीर को इसे पचाने में आसानी हो…

अपनी साइड में सोए

बस कुछ महीने और फिर आप अपनी पीठ पर सो रही होंगी लेकिन अभी आपको अपनी साइड पोजीशन में ही सोना है

वैसे बहुत से एक्सपर्ट मानते हैं लेफ्ट साइड आपके और आपके शिशु दोनों के लिए बेस्ट स्लीपिंग साइड है।

तैंतीस सप्ताह के लिए प्रेगनेंसी डाइट

यदि आप वेजीटेरियन है तो आपको जरूरी पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन बी12, कैल्शियम, विटामिन डी, डीएचए, आयरन और फोलेट की उचित मात्रा लेना आवश्यक हैं 

  • प्रोटीन युक्त भोजन खाए – जैसे नाइट्स, मूंगफली, दाल
  • यदि आप दूध नहीं पीना चाहती, तो आप दही का सेवन करें 
  • हरी सब्जियां खाये, रेशेदार फल और सब्जियां जरूर सेवन करे

ध्यान देने योग्य बातें 

प्रिकॉलेप्सिया एक गंभीर प्रेगनेंसी रिलेटेड कंडीशन है ये गर्भवती के ब्लड प्रेशर असंतुलित कर देता है तथा शरीर के बहुत से अंगों के कार्य क्षमता को भी प्रभावित करता हैं जैसे – किडनी, लीवर, सेंट्रल नर्वस सिस्टम

गर्भावस्था में लगभग 2 से 8% महिलाएं प्रिकॉलेप्सिया विकसित कर लेती हैं तथा तीसरी तिमाही में इसके होने की सबसे अधिक संभावना होती है। इसलिए डॉक्टर लगातार इसके संकेतों को जांचते रहते हैं।

FAQ. प्रेगनेंसी में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर

क्या प्रेगनेंसी में सेक्स कर सकते हैं?

जी हां…, प्रेगनेंसी में संभोग करना पूरी तरह सुरक्षित हैं व इससे शिशु को कोई नुक्सान नहीं होता है, बल्कि शिशु को इन सबका कुछ पता ही नहीं होता 

प्रेगनेंसी में कौन सी गलतियां ना करें?

प्रेगनेंसी में नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रहें, ऐसे कार्यों को न करें जिसमें अत्याधिक शारीरिक कसरत की जरूरत हो

प्रेगनेंसी में क्या करना चाहिए?

एक प्रेगनेंसी बहुत से उतार चढ़ावो से भरा होता है इसलिए आपको एक हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाने की जरूरत है, अपने पार्टनर, परिवारजनों और दोस्तों के साथ समय व्यतीत करें

Hindiram के कुछ शब्द

33 week of pregnancy in hindi : प्रेगनेंसी का ये सप्ताह गर्भवती और शिशु दोनों के लिए अनेकों बदलाव लेकर आता है लेकिन अभी सबसे जरूरी होगा आप खुद का और शिशु का ख्याल रखें, हेल्दी डाइट ले, और अधिक से अधिक पानी पिए, यदि आपको किसी प्रकार की शंशा हैं तो अपने निरीक्षक से परामर्श कर सकते हैं

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