तुलसी पत्ते से गर्भपात कैसे करें? – गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाए

क्या ये संभव है तुलसी काढ़ा से गर्भपात हो सकता? हां… ये सत्य है कुछ शोधों से पता चला कि तुलसी के पत्ते से गर्भपात (miscarriage) होने की सम्भावना बढ़ जाती हैं। क्युकी तुलसी सेवन से गर्भाशय में संकुचन बढ़ने लगता है जिससे गर्भपात भी हो सकता हैं

लेकिन क्या तुलसी के पत्ते से गर्भपात (abortion) किया जा सकता है? देखिए… अनचाहे गर्भ (pregnancy) के ईलाज में तुलसी काढ़ा या तुलसी के पत्ते का सेवन जैसे घरेलू उपाय कारगर साबित नहीं होते हैं। यहां गर्भपात के लिए आपको सही और असरदार तरीकों का उपयोग करना चाहिए।

 

गर्भपात के लिए तुलसी काढ़ा असरदार उपाय नहींं हैं मतलब इससे गर्भपात (abortion of baby) भी नहीं होगा। इसकेलिए  गर्भवती को स्वास्थ ध्यान रखते हुए सही व उपयुक्त घरेलू उपायों का प्रयोग करना चाहिए। जिससे बिना डॉक्टर केेे भी गर्भपात (abortion) किया जा सके

अनचाहे गर्भ के लिए तुलसी काढ़ा बनाने अथवा पीने की बात भले आसान लगती हो, पर शायद आप tulsi kadha या गर्भावस्था में तुलसी लेने के दुषपरिणामों व इसके फायदे से परिचित नहीं हैै…

 

 

तुलसियां तीन प्रकार की रहती –

  •  राम या श्री-तुलसी ( हरा रंग )
  •  श्याम या कृष्णा-तुलसी ( बैगनी रंग )
  •  वाना-तुलसी जंगलों में ( गहरे हरा रंग )

 

हालंकि, यदि आप गर्भपात के उपाय (abortion methods) जानना चाहती हैं तो इस लेख में आपको अनचाहे गर्भ से छूटकारा पाने के उपाय भी बताएंगे, जिसका प्रयोग आप garbhpat ke liye tulsi kadha के बदले कर सकते हैं। लेकिन तुलसी क्या है जरूर जाने?

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जरूर देखें – अपूर्ण गर्भपात होने की वजह तथा उपचार

 

 

Table of Contents

पवित्र तुलसी क्या है ( tulsi kya hai ) | तुलसी के पत्ते से गर्भपात कैसे करें – tulsi and female fertility

 

गर्भपात-के-लिए-तुलसी-का-काढ़ा-कैसे-बनाएं

तुलसी प्राकृतिय औषधीय गुणों से युक्त एक जड़ी बूटी है जो एशियन और ऑस्ट्रेलियन कॉन्टिनेंट (देशों) में सबसे अधिक पाया जाता है। गहरे हरे रंग के पत्ते जिनका स्वाद मीठा और मसालेदार होता हैं

इस बात का प्रचार करते बहुत से लोग मिल जाएंगे, जो दावा करते फिरते हैं garbhpat ke liye tulsi kadha का प्रयोग गर्भपात करा देता हैं। इन्हीं कारणों सेे शायद Pregnancy में तुलसी खाने अथवा तुलसी का काढ़ा पीने से मनाही की जाती हैं।

 

लेकिन सच क्या है! क्या tulsi या तुलसी काढ़ा पीने से गर्भपात हो सकता हैं? तुलसी के पत्ते से गर्भपात कैसे करें? आईए जानते हैं…

क्या प्रेगनेंसी में तुलसी खाना चाहिए ( tulsi uses in pregnancy )

 

बाते तो बहुत है, किन्तु सत्य –  पूर्ण सटीकता सेेेेे आज भी यह सिद्ध नहीं किया जा सका हैं गर्भावस्था में तुलसी का सेवन (leaf of tulsi) मिसकैरेज करा सकता है।

हालांकि, जिन शोधों को आधार मानकर यह बोला जाता की tulsi सेवन pregnancy में miscarriage  करा सकता, कुछ हद तक सही भी है।

क्युकी तुलसी में कुछ तत्व ऐसे भी मौजूद हैं “इयूजनोल” रहते जो मासिक चक्र (menstruation) शुरू करने कि क्षमता रखते हैं इसलिए गर्भवास्था में इनके लगातार सेवन से परहेज किया जाता हैं क्युकी ये गर्भवती और शिशु दोनों के लिए खतरनाक  होते है।

 
ज़रूरी बात : pregnancy me abortion हमेशा सोच समझ कर हि किया जाना चाहिए। यदि आप अनचाही प्रेग्नेंसी का शिकार हैं और Garbhapat ke liye gharelu upaye जानना चाहते हैं तो आपकी इस समस्या का समाधान हमारे पास है….

प्रेगनेंसी में तुलसी खाने के दुष्परिणाम | pregnancy me tulsi ke nuksan

 


  1. प्रेगनेंसी में अक्सर डॉक्टर या गाइनोकोलॉजिस्ट तुलसी बीज परहेज करने की सलाह जरूर देते हैं क्युकी इन बीजों में संकुचन प्रेरित करने की क्षमता होती हैं जिससे गर्भपात भी हो सकता है।

     


  2. तुलसी का सेवन शरीर में ब्लड फ्लो को भी बढ़ा देता हैं जो pregnancy में मेंस्चूरेशन की भी शुरूआत कर सकता हैं जो गर्भावस्था के लिए पूर्णतः हानिकारक हैं और गर्भपात का कारण भी बनता है।

     


  3. प्रेग्नेंसी में गर्भवती अगर एंटीगुलेंट मेडिकेशन ले रही हों तो खासकर तुलसी से परहेज करना चाहिए, क्योंकि ये खून पतला कर देता है

     


  4. तुलसी में इयूजनोल (eugenol) नामक पदार्थ होता हैं जो धड़कनो को तेज, मुंह में जलन, चक्कर जैसी समस्या ला सकता हैं इसलिए यदि आप तुलसी सेवन करने की सोच रही थी तो डॉक्टर से परामर्श जरूर करे।

     


  5. यदि प्रेग्नेंसी में आपकी डिलीवरी सर्जरी के माध्यम से हुई होगी, तब तो आपको 2 से 3 सप्ताह tulsi का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए

     


  6. प्रेग्नेंसी में अत्यधिक तुलसी का सेवन blood sugar level बहुत कम कर देता, जो गर्भवती के लिए बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं, यह माता और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक होता है।

     

प्रेगनेंसी में तुलसी के लाभ |benefits of eating tulsi leaves daily in  pregnancy

 

गर्भावस्था में तुलसी का सेवन लाभदायक भी होता हैं शायद कुछ तो आप जानती भी होंगी, चलिए जानते हैं उन फायदे के बारे में जो tulsi सेवन के बाद गर्भवति को होंते हैं…

 

  1. तुलसी विटामिन k से भरपूर होता हैं जो तथा ब्लड क्लोटिंग में सहायक है यह delivery के समय अत्याधिक ब्लड लॉस के खतरे से भी बचाता हैं।


  2. इसमें मैग्नीज होता हैं जो भ्रूण की हड्डियों को मजबूत बनाता हैं,  मैग्नीज के आक्सिडेंट शरीर को सेल्यूलोज डैमेज से भी बचाते हैं। जो अक्सर गर्भवतीयों में होने का खतरा रहता हैं

     


  3. तुलसी अनेकों मिनरल्स और न्यूट्रिएंट के साथ आता जैसे – विटामीन सी, विटामीन ई, फॉस्फोरस और पोटेशियम ये शरीर के immune system को मजबूत बनाते हैं, जो प्रेगनेंसी में मां और बच्चे दोनों के लिए आवश्यक होता है।

     


  4. गर्भवती महिलाओ को अक्सर एनीमिया (animiya) जैसी समस्याओ की शिकायत रहती है, Tulsi का सेवन शरीर में रेड ब्लड सेल्स और हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ा देता हैं जो एनीमिया जैसी बीमारियों की दूर रखता है।

     


  5. तुलसी विटामिन ए से भरपूर होता हैं। ये भ्रूण डेवलपमेंट और ग्रोथ में भी मदद करता हैं स्वस्थ्य और हेल्दी शिशु के जन्म में भी सहायता करता।

     


  6. इसमें फोलेट नहीं रहता, जिसके कारण ब्लड सप्लाई में किसी तरह की समस्या नहीं आती। यह शिशु को जन्मजात होने वाली बीमारियों से भी बचाता है इसलिए आप बिना संकोच के प्रेग्नेंसी में तुलसी सेवन कर सकते हैं।

     

 

प्रेग्नेंसी में तुलसी सेवन से पहले सावधानियां | tulsi uses precautions in pregnancy

 

यदि आप तुलसी (Tulsi leaves) के अद्भुत फायदे पाना चाहती हैं वह भी बिना किसी समस्या के तो आपको तुलसी के सेवन में कुछ सावधानियां बरतने की आवश्यकता है:

  • अत्यधिक मात्रा में सेवन बिल्कुल ना करें, हर्बल स्पेशलिस्ट इसे 115ml तक लेने की सलाह देते हैं।
  • खाने से पूर्व इसे साफ धोए, ताकि इसमें मौजूद बै कटीरिया और पैरासाइट्स फुड पॉइजनिंग का कारण न बन सकें।
  • प्रेगनेंसी में तुलसी के नियमित सेवन से पहले आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेना चाहिए।

तुलसी काढ़ा बनाने की विधि | tulsi kadha banane ki vidhi

 

सामग्री

  1. दो कप पानी
  2. एक अदरक
  3. 4 लॉन्ग
  4. काली मिर्च पांच से छह
  5. पांच से छह तुलसी पत्ती
  6. दो चम्मच शहद
  7. दालचीनी 1 इंच

विधि

  • पतीले में गर्म पानी चढ़ाये
  • अदरक, लॉन्ग, काली मिर्च, दालचीनी का पेस्ट बनाएं
  •  पेस्ट को तुलसी पत्तों के साथ पानी में मिलाए और 20 मिनट तक पानी गर्म होने दें
  • अब एक कप छान कर शहद मिलाएं
  • तुलसी काढ़ा तैयार है

प्राकृतिक गर्भपात के तरीके | garbhpat ke liye tulsi kadha ke prakritic options

 

 
 
गर्भपात के लिए तुलसी काढ़ा अनचाही प्रेग्नेंसी के लिए कारगर नहींं हैं, लेकिन यदि आप अनचाहे गर्भ का शिकार हो गई हैं तो इससे बचने का एक ही रास्ता दिखता है – गर्भपात (GARBHPAAT) हालंकि, गर्भपात कराने के पीछे अन्य कारण भी हो सकते हैं शायद – करियर, जॉब, फैमिली प्रॉबलम

 

यदि आप garbhpat ke liye tulsi kadha kaise banaye अथवा पीने की सोच रहे होंगेे तो आपको बता दें, इसके सफल होने के सम्भावना बहुत कम होती हैं, लेकिन यहां हम कुछ घरेलू उपाय लेकर आए है जो आसानी से  और बिना किसी समस्या के abortion करा देगा।

गर्भपात से पहले सावधानियां | garbhpaat ke liye savdhaniya

 

गर्भपात के लिए घरेलू उपचार स्वास्थ्य व चिकित्सीय दृष्टि से उपयुक्त नहीं होते है, इसलिए बेहतर यहीं होगा गर्भपात के लिए आप घरेलू उपाय प्रयोग करने से बचें अथवा किसी विशेषज्ञ के निर्देशन में उपयोग करें। किसी तरह की समस्या आने पर आपको चिकित्सीय सहायता लेने में संकोच नहीं करना हैं।


  1. सर्वप्रथम आपको निश्चित होना होगा, क्या सच में  आप abort कराना चाहते हो? क्योंकि गर्भपात एक महिला के लिए भावनात्मक, संवेदनशील और  पीड़ादायक हो सकता हैं। अतः सर्वप्रथम निर्णय कर लें।

     


  2. देखे आप स्वस्थ्य है कि नहीं, यदि आप पूर्ण रुप से स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे तो, इन घरेलू उपायों का प्रयोग बिल्कुल भी ना करें

     


  3. यदि आपको गर्भवती हुए 10 से अधिक सप्ताह बीत चुके होगे, तो घरेलू उपायों का प्रयोग बिल्कुल ना करें, डॉक्टर से परामर्श लें

     


  4. गर्भपात में आपको कष्टों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए डॉक्टर से चर्चा अवश्य करें

     


  5. गर्भपात असफल होने ( incomplete abortion ) की स्थिति में आपको चिकित्सीय मदद ( medical help ) की जरूरत होगी।

     


  6. हो सकता आपको एक से अधिक उपायों का भी प्रयोग करना पड़े, क्युकी कुछ आपके लिए वर्क कर सकते तो कुछ नहीं इसलिए तैयार रहे-

     

 

ऊपर की सावधानियों को ध्यान रखने के बाद ही आपको गर्भपात के लिए आगे बढ़ना चाहिए। यह अनचाही प्रेगनेंसी पूरी तरह समाप्त कर देगी। लेकिन सही से उपयोग करने पर ही आपको उचित परिणाम मिलेंगे।

मेडिकल अबॉर्शन ( dawai se garbhapat )

 

यदि आप गर्भपात ( baby abort ) कराना चाहती है हमारी सलाह रहेंगी आप मेडिकल अबॉर्शन (medical abortion) का रस्ता ही चुने, क्युकी ये वैज्ञानिक तौर पर सिद्ध और सटीक हैं। इस तरीके में आप बिना किसी गंभीर समस्या में पड़े सुरक्षित गर्भपात कर सकतीं हैं।

वहीं घरेलू उपायों से गर्भपात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है और शायद उनसे गर्भपात भी ना हो। मेडिकल अबॉर्शन में दो मेडिसिन का उपयोग किया जाता है

  • Mifepristone
  • Misoprostal

 

इन्हीं दोनों मेडिसिन का उपयोग 10 week pregnancy तक खत्म करने के लिए किया जाता है। 10 सप्ताह के बाद सिर्फ सर्जिकल अबॉर्शन उपयोगी होता हैं।

मेडिकल अबॉर्शन bacha girane ki dawai के बारे में आप सब कुछ यह पढ़ सकते है

लेकिन यदि आप तुलसी पत्ते से गर्भपात कैसे करें, जैसे घरेलू उपाय जानना ही चाहती है तो ये है कुछ घरेलू उपाय, परंतु इनसे गर्भपात ना होने की भी आशंका है…

कच्चा पपीता से गर्भपात – papita se garbhpat

 

पपीता विटामिन ए, विटामीन सी, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैसियम, कैरोटीन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर रहता, परंतु इसके बावजूद पपीते को उन फलों में शामिल किया गया है जो गर्भावस्था में सख्त परहेज किया जाना चाहिए।

कच्छे पपीते में लेटेक्स अधिक मात्रा मे रहता इसके अलावा कच्छे पपीते में प्रोस्टाग्लैंडीन और ऑक्सीटोसिन सबसे अधिक मात्रा में मौजूद रहता जो गर्भाशय में संकुचन (utrin contraction) बढ़ने का कारण बन सकता है।

कुछ लोग मानते हैं इसमें मौजूद पैपेन नाम का एंजाइम गर्भवती के शरीर में pregnancy harmone स्त्राव नहीं होने देता, प्रेगनेंसी हार्मोन की कमी ही abortion का कारण बनती, अतः कच्चे पपीता का सेवन गर्भपात करा सकता हैं(aborted baby)

एस्प्रिन से गर्भपात – asprin se garbhpat

 

गर्भवती होने पर डॉक्टर आपको कुछ मेडिकेशन लेने से सख्त मना करते होंगे। जिनमें से एक asprin भी रहता, हालकि लो डोज asprin (60 to 80 mg) सेवन बिलकुल भी हानिकारक नही

कुछ शोधों के मुताबिक हाई डोज asprin गर्भपात करा सकता हैं। लेकिन इससे गर्भपात (abortion) होगा इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं, यदि आप अनचाही प्रेग्नेंसी से छुटकारा चाहते हो तो आपको मेडिकल अबॉशन (medical abortion) ही करना चाहिए

एक्यूपंचर से गर्भपात – acupuncture se garbhpat

 

acupuncture – यह प्राचीन चिकित्सा पद्धति, जिसमे शरीर के किन्ही हिस्सों पर दबाव कर उससे सबंधित अंगो के कार्य प्रणाली को प्रभावित किया जाता

ऐसा कहा जाता हैं SP6 और L14 इन दोनों बिंदुओं पर दबाव डालना गर्भपात करा सकता है। हालांकि, इसका कोई पुख्ता प्रमाण नहीं इससे गर्भपात होगा ही, हम सलाह देंगे आप गर्भपात के सही तरीके (right abortion types) उपयोग करे

संभोग से गर्भपात – sambhog se garbhpat

 

हालांकि आपको थोड़ा अटपटा लगेगा, लेकिन इस प्रकार की मान्यता है यदि आप गर्भपात करना चाहती हैं तो अधिक संभोग करना आपकी इसमें मदद कर सकता हैं।

लेकिन ये बिल्कुल भी सही नहीं, संभोग करने से गर्भपात होने जैसे कोई बात नहीं हैं, इससे गर्भपात भी नहीं होगा। आप प्रेगनेंसी रोकने की मेडिसिन उपयोग करें

गर्म स्नान से गर्भपात – nahane se garbhpat

 

गर्म स्नान से गर्भपात, देखने पर तो ये काफी सरल लगता है  लेकिन प्रेगनेंसी रोकने का ये नुस्खा भी उतना कारगर नहीं, हालंकि ये सत्य है शोधों में यह पता चला ज्यादा गर्म पानी से नहाना गर्भपात का कारण बन सकता है

 ये तभी होगा जब आपका कोर बॉडी टेंप्रेचर 102°F तक बढ़ जाए, ऐसा होने पर आपका ब्लड प्रेशर कम हो जाता है, जिससे शिशु तक सही मात्रा में ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट नहीं पहुंच पाते जो गर्भपात करा सकता है

लेकिन अत्याधिक गर्म पानी से स्नान आपके बॉडी को भी हार्म पहुंचता है इसलिए यदि आप गर्भपात कराना ही चाहते है तो मेडिकल अबॉर्शन या सर्जिकल अबोर्शन कराए। इससे गर्भपात अधूरा होने का भी खतरा नहीं होगा।

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Hindiram के कुछ शब्द : 

 

गर्भपात के लिए तुलसी का काढ़ा कैसे बनाए, तुलसी के पत्ते से गर्भपात कैसे करेंं – tulsi and female fertility इसके बदले आप abortion के अन्य उपायों का सहारा ले कर अनचाही प्रेग्नेंसी से छुटकारा पा सकते है। परंतु garbhpat ke liye tulsi kadha सही नहीं होगा इससे आपको कोई रिजल्ट नही मिलेगा। लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद…

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