अक्सर ये बात कही जाती हैं क्या शिशु के धड़कनों से उसके लिंग को जान पाना मुमकिन है, हालांकि, इस पर अनेकों वैज्ञानिक शोध भी किए जा चुके हैं लेकिन मेडिकल साइंस इस बात को बिल्कुल भी सच नहीं मानती…
ऐसा बताया जाता है अगर शिशु का दिल 140 बीपीएम से कम धड़क रहा है तो आपको लड़का होने वाला हैं वहीं 140 बीपीएम से ज्यादा तेज धड़कन होने पर लड़की होती हैं
मेडिकल साइंस, 2018 में हुए एक शोध जिसमें 10,000 गर्भवतियों को शामिल किया गया था, शोध में सामने आया शिशु लड़कियों की हार्टबीट लड़कों की तुलना में थोड़ा अंतर था। हालांकि, मेडिकल साइंस के अनुसार जो भी असमानताएं पाई गई उससे शिशु का लिंग जान पाने वाली कोई सच्चाई नहीं थी
सच्चाई ये है एक नॉरमल फेटल हार्ट रेट (normal fetal heart rate) 120 से 160 बीपीएम के उतार-चढ़ाव में रहता है। शिशु की हार्टबीट अगर अलग-अलग समयावधि में मापा जाए तो उसकी heartbeat भी अलग निकलकर आएगी
चलिए जानते हैं गर्भ में बच्चे की धड़कन आने तथा शिशु के दिल में विकास किस प्रकार होता हैं गर्भ में जीव कब आता हैं गर्भ में बच्चे की धड़कन कितनी होनी चाहिए
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गर्भावस्था में शिशु की हार्ट बीट कितनी होती है | गर्भ में बच्चे की धड़कन कब आती है – baby heart beat in pregnancy
जैसे ही इस बात का खुलासा होता है महिला गर्भवती है सबसे पहली बात जो प्रेगनेंसी के शुरुआत में आपने सुनी होगी, शिशु के दिल धड़कने के बारे में, गर्भ में बच्चे की धड़कन ही उसके होने का पहला सबूत होता हैं
हालांकि, हर चेकअप में शिशु के दिल की आवाज एक समान ही सुनाई देती हैं लेकिन पूरी प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) में शिशु के दिल और संचालन प्रणाली में बहुत से बदलाव होते हैं।
शिशु में दिल कब आता है | गर्भ में जीव कब आता है
कंसीव करने के 5 सप्ताह बाद ही शिशु के दिल में मौजूद नाड़ियां अब कभी न रुकने वाली धड़कनों की शुरुआत करती है लेकीन अभी आप इसे नहीं सुन सकेंगी
पहली तिमाही में (लगभग 6 से 9 सप्ताह गर्भावस्था के बीच) अल्ट्रासाउंड कराने पर, आपके डॉक्टर या सोनोग्राफर एक विजुअल लेंगे जिसकी सहायता से शिशु की हार्टबीट चेक की जाएगी, अगर सब कुछ सही रहा तो आप शिशु की heartbeat भी सुन सकेंगी। यहां अल्ट्रासाउंड के जरिए आप प्रेगनेंसी ड्यू डेट के साथ गर्भ में शिशुओ की संख्या भी जान सकते हैं।
गर्भावस्था में शिशु की धड़कन कब सुनाई देती है | प्रेगनेंसी में बेबी हार्टबीट कब आती हैं
यदि आप 10 सप्ताह गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड करातीं है तो इसी समय पहली बार शिशु के दिल की धड़कन भी सुन सकती हैं, हालांकि, गर्भ में बच्चे की धड़कन आना समय पर भी निर्भर करता है
क्युकी अगर अभी आपको गर्भ में बच्चे की धड़कन नहीं सुनाई दे रही है तो चिंता ना करें, हो सकता है आपका शिशु खुद को गर्भाशय के किसी कोने में छिपाने का प्रयास कर रहा हो, जिसके कारण ड्रॉप्लर शिशु के धड़कनों का पता सही से नहीं लगा पा रहा है। शायद अगली बार जब आप टेस्ट कराएंगी तब शिशु की हार्टबीट सुन सकेंगी
नॉरमल फेटल हार्ट रेट | भ्रूण की धड़कन – normal fetal heart rate kitna hota hai
6 सप्ताह गर्भावस्था से ही शिशु का दिल 110 बार प्रति मिनट की दर से धड़कने लगता है तथा आने वाले 2 सप्ताहों में यह बढ़कर 150 से 170 बार प्रति मिनट की दर से धड़कने लगता है वैसे शिशु की धड़कन इस समय अपकी धडकनों से दुगनी गति से धड़क रहा होता है।
जब महिला 9 से 10 सप्ताह गर्भावस्था में पंहुचती हैं शिशु का दिल 170 बार प्रति मिनट के दर से धड़क रहा होता है जहां से अब यह कम होने लगता हैं 20 सप्ताह गर्भावस्था आते तक बच्चे की heartbeat 140 बीपीएम तक कम हो जाता है
प्रसव (लेबर) के समय एक नॉर्मल फेटल हार्ट रेट 110 से 160 बीपीएम के दर से धड़क रहा होता है, हालांकि, कुछ केसों में इससे कम या ज्यादा भी हो सकते हैं जो पूरी तरह सामान्य है
शिशु की हार्टबीट ड्रॉपलर से आप कब सुन सकते हैं | when you can hear babies heartbeat with dropler
एक ड्रॉपलर की सहायता से शिशु की हार्टबीट आप 12 सप्ताह गर्भावस्था पहुंचने पर सुन सकते हैं लेकिन 10 सप्ताह गर्भावस्था ही ड्रॉपलर शिशु की heartbeat खोज निकालने में सक्षम हो जाता हैं। यहां डॉक्टर एक अल्ट्रासाउंड हैंडल डिवाइस आपके पेट पर रखेंगे जिससे शीशु के दिल की धड़कन का पता लगाया जाता हैं
इस बात का ध्यान रखें, घर पर फेटल ड्रॉपलर करवाना बिल्कुल भी सही नहीं होता, जब तक इसके पिछे कोई मेडिकल कारण ना हो
यह जरूरी भी है क्योंकि घर पर उपयोग किए जाने वाले डिवाइस उतने कारगर नहीं होते हैं जितने डॉक्टर मेडिकली उपयोग करते हैं शायद इसलिए घर पर फेटल ड्रॉपलर कराने से शिशु की heartbeat सही से पता लगाना मुश्किल हो जाता हैं
जो किसी अवांछित खतरे का कारण भी बन सकता हैं साथ ही साथ एक होम ड्रॉपलर का उपयोग करना “बिना ट्रेनिंग के” आप अपने हार्टबीट को शिशु की हार्टबीट समझने की भूल कर सकती हैं।
स्टेथोस्कोप से शिशु की हार्टबीट कब सुन सकते हैं | when you can hear babies heartbeat with shethscope
लगभग 20 सप्ताह गर्भावस्था के दौरान आप आसानी से शिशु की हार्टबीट एक स्टेथोस्कोप (shethscope) की सहायता से सुन सकते हैं। वैसे एक ड्रॉपलर 10 सप्ताह से ही शिशु की हार्टबीट डिटेक्ट करने लगता है।
शिशु का दिल और संचारण प्रणाली कैसे विकसित होती है | गर्भावस्था में दिल की धड़कन लक्षण
शिशु में दिल का विकास बहुत पहले से ही होना शुरू हो जाता है –
पहली तिमाही में विकास – गर्भ में बच्चे की धड़कन कब आती है?
कंसीव करने के 4 सप्ताह बाद एंब्रायो (भ्रूण) के अंदर एक ब्लड वेसल (रक्त वाहिनी) डेवलप होती है जो जल्द ही शिशु के दिल और पूरे सर्कुलेटरी सिस्टम में विकसित होता हैं तथा 5 सप्ताह गर्भावस्था पहुंचने पर शिशु का दिल अपने प्रारंभिक अवस्था में ही धड़कना शुरू कर देता है।
इस शुरुआती समय में यह कुछ नलिकाओं से जुड़ता है जो अंत में दिल और उसमें मौजूद रक्त वाहिनियों में विकसित होता है यहीं बंद और खुलकर शरीर में रक्त संचारण करती है
6 सप्ताह पहुंचते तक शीशु के दिल में चार खाने बन चुके होते हैं तथा सभी में रक्त के आने और जाने के लिए दरवाजे भी बन चुके होते हैं। सर्कुलेटरी डेवलपमेंट 12 सप्ताह तक होता रहता है जब तक बोन मैरो ब्लड सेल्स (रक्त कोशिकाएं) बनाने लगता हैं।
दूसरी तिमाही में विकास – गर्भ में बच्चे की धड़कन कब आती है
17 सप्ताह पहुंचने पर शिशु का दिमाग दिल की धड़कनों को नियंत्रित करने लगता है ( जो इसे गर्भ के बाहर जीवन के लिए तैयार करता हैं) यहां शिशु का दिल लगातार धड़क रहा होता हैं
दूसरी तिमाही के अल्ट्रासाउंड में डॉक्टर शिशु के दिल में विकास और उसकी हार्टबीट चेक कर उसमें किसी प्रकार के डिफेक्ट का पता लगाने का प्रयास करते हैं अगर डॉक्टर को शिशु के दिल को अधिक सुनने या देखने की जरूरत आन पड़ती हैं तब वे एक फेटल इखोकार्डियोग्रम कराने की सलाह देंगे, जिसे 18 से 24 सप्ताह गर्भावस्था के बीच कराया जाता हैं
यह आपको जरूर करना चाहिए जब आपके फैमिली में जन्मजात हार्ट डिफेक्ट की समस्या हो और यदि आपको डायबिटीज, phenylketonuria या ऑटो इम्यून डिजीज हो
25 सप्ताह खत्म होते तक कैपिलरीस (सबसे छोटी रक्त वाहिनियां) बनने और रक्त से भरने लगती हैं। कैपिलरीस रक्त को दिल से पूरे शरीर में प्रवाहित करता हैं तरह फेफड़ों तक अशुद्ध रक्त को लाता हैं यही छोटी-छोटी रक्त वाहिनियां संचारण प्रणाली के मुख्य कार्यधार होते हैं।
तीसरी तिमाही में विकास – गर्भ में बच्चे की धड़कन कब आती है
तीसरी तिमाही में भी शिशु के सर्कुलेटरी सिस्टम धीमी और स्थाई रूप विकसित हो रहा होता हैं जिससे 40 सप्ताह खत्म होने पर ये गर्भ के बाहर जीवन के लिए तैयार हो सकें
शिशु का दिल कैसे कार्य करता है | भ्रूण में कोई हृदय गतिविधि के लिए कारण
वैसे तो शिशु में सर्कुलेटरी सिस्टम का विकास गर्भावस्था में बहुत तेजी से होता है परन्तु इसकी कार्य प्रणाली गर्भ और गर्भ के बाहर बिल्कुल विपरीत होती हैं
शिशु गर्भ में स्वांस नहीं लेता, इसलिए जन्म से पहले फेफड़े कार्य नहीं कर रहे होते हैं, क्योंकि इस समय शिशु गर्भनाल (umblical cord) पर ऑक्सीजन व दूसरे जरूरी न्यूट्रिएंट्स के लिए निर्भर होता है
गर्भनाल (umblical cord) के ज़रिए हि शिशु माता के शरीर से जुड़ा होता है इसी से यह चीजों को लेता और दूषित पदार्थों को बाहर निकालता है
शिशु के दिल और वयस्क के दिल में अंतर फेफड़ों से रक्त लाने और ले जाने में है जिसकी जरूरत गर्भ में शिशु को नहीं पड़ती, एक शिशु के दिल में…
थ्री शंट : ये रक्त को फेफड़ों और लीवर से दूर ले जाता हैं
एक डक्टस आर्टरी : ये फेटल आर्टरी पलमोनरी आर्टरी को जोड़ती है जो रक्त को दिल से फेफड़ों तक पहुंचती हैं अरोटा जो रक्त को दिल से पूरे शरीर में संचालित करती हैं लेकिन गर्भ में यह रक्त को फेफड़ों से दूर रखता हैं
एक फोरमैन ओवले : ये सिर्फ गर्भ के लिए, जो दिल के ऊपरी खानों को खोल रक्त को फेफड़ों से दूर ढकेलती है
जब आपका शिशु जन्म ले लेता है शिशु की सभी असमानताएं पूरी तरह चली भी जाती है जब अंबलाईकल कॉर्ड को काटा जाता है शिशु के फेफड़े सांस लेने लगते हैं शिशु की संचालन प्रणाली बदलने लगती है और शंट बंद होना शुरू हो जाता है तथा सभी सिस्टम शुरू हो जाते हैं।
जब महिला पॉजिटिव प्रेगनेंसी टेस्ट कर रही होती है उसी समय से शिशु का दिल विकसित और तेजी से बदलने लगता है जो इसे एक हेल्दी शुरुआत देता हैं, गर्भावस्था में आपको प्रीनेटल विटामिंस लेते रहना चाहिए, स्मोकिंग ना करें और नशीले पदार्थों से दूर रहें
Hindiram के कुछ शब्द
गर्भ में बच्चे की धड़कन कब आती है – गर्भ में एक बच्चे का दिल 5 सप्ताह गर्भावस्था से ही धड़कने लगता हैं इस समय अभी शिशु का दिल और सेरकुलेटरी सिस्टम विकसित हो रहा हॉट ही।