जितना शिशु विकसित होने लगता है माता पिता को उसके बारे में जानने कि रूचि उतनी अधिक तीव्र होने लगती हैं। ऐसे में कई बार पैरेंट्स “कैसे पता लगाए कि पेट में लड़का है या लड़की” अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट बाय और गर्ल अनजाने अथवा जिज्ञासा में सोचने लगते हैं!
पहले के समय तो sonography test जैसी चीजें नहीं हुआ करती थी जिससे पता लगाए कि पेट मे लड़का है अथवा लड़की, लेकिन आज जब अजन्मे बच्चे का जेंडर जानने कि बात हो, पहला ख्याल सोनोग्राफी से जेंडर जानने का ही आता हैं
अल्ट्रासाउंड में बच्चा लड़का के संकेत जानना आज के समय सोनोग्राफी से पेट में लड़का या लड़की पता लगाने का सबसे बेहतरीन माध्यम हैै जिसमें मात्र सोनोग्राफी रिपोर्ट देखकर अल्ट्रासाउंड में लड़के की क्या पहचान हैैैै यानी वह लड़का है या लड़की जान सकते हैं
वैसे sonography कराने के पीछे दूसरे भी कारण होते है जैसे – शिशु में जन्मजात होने वाली बीमारियों का पता लगाना, फलस्वरूप आप सोनोग्राफी से पता लगा सकते हैं कि पेट मे ल\ड़का है या लड़की
Table of Contents
सोनोग्राफी से कैसे पता लगाए कि पेट में लड़का है? | अल्ट्रासाउंड में बच्चा लड़का के संकेत | sonography test for baby boy and girl
Baby boy symptoms | अल्ट्रासाउंड में लड़का पैदा होने के लक्षण जानें
- टर्टल साइन : अल्ट्रासाऊंड में कछुए जैसा चिन्ह दिखाई देना
- हैमबर्गर निशान का होना
- मिडलाइन सेजिटल का 30° ऊपर जाना
- अल्ट्रासाउंड में इरेक्ट पेनिस दिखना
- बच्चे में यूरिन फ्लो ऊपर से जाते दिखना
- अल्ट्रासाउंड में शिशु का लिंग साफ दिखाईं पड़ना
आइए इन्हें detail में जानते हैं…
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सोनोग्राफी कैसे कार्य करता है – अल्ट्रासाउंड में लड़के की क्या पहचान है | अल्ट्रासाउंड में बच्चा लड़का के संकेत
सोनोग्राफी एक ऐसी तकनीक है जिसमे हाई फ्रिक्वेंसी साउंड वेव का इस्तेमाल शरीर अन्दर मौजूद अंगो के इमेज क्रिएट करने के लिए किया जाता है। जिसे अल्ट्रासाऊंड टेस्ट भी कहा जाता है। ये एक नॉन इनवेसिव टेस्ट होता हैं
वैसे तो अल्ट्रासाउंड का अधिकतर उपयोग प्रेगनेंसी में शिशु का विकास दर देखने के लिए किया जाता है फलस्वरूप अल्ट्रासाउंड में बच्चा लड़का के संकेत जेंडर भी पता कर सकते हैं – baby boy in womb symptoms
यदि इससे पहले कभी अपने अल्ट्रासाऊंड रिपोर्ट नहीं देखा हैं तो आपको अल्ट्रासाऊंड रिपोर्ट कैसे पढ़े जानने की जरूरत है जिसके बाद ही आप सोनोग्राफी से पता लगा सकते हैं पेेेेेेट में लड़का है या लड़की…
अल्ट्रासाउंड में लड़के की क्या पहचान है? | अल्ट्रासाउड रिपोर्ट बाय और गर्ल इन हिंदी | ultrasound report boy or girl
देखिए…अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट बाय और गर्ल पहचान करना कोई खेल नहीं है, इसे एक प्रोफेशनल और एक्सपीरियंस व्यक्ति ही कर सकता है। क्युकी सोनोग्राफी रिपोर्ट समझने के लिए बहुत सी बारीकियों को समझना पढ़ता है जो आपको सिर्फ एक्सपीरियंस से ही आएगा।
सोनोग्राफी की सटीकता कुछ प्रकरणों पर भी निर्भर करती है जैसे – गर्भ में शिशु की उम्र, सही उपकारणों का प्रयोग एवं योग्य निरीक्षक, चालिए… एजुकेशन पर्पज के लिए – कुछ ऐसे साइन होते जिसे अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में देखकर बाय और गर्ल, गर्भ में लड़का हैं या लड़की सोनोग्राफी रिपोर्ट से आप पता लगा सकते है…
लिंग नहीं होने का मतलब लड़की होना नहीं होता | boy and girl ultrasound difference
प्रेगनेंसी अल्ट्रासाऊंड यदि आपने 10 सप्ताह से पहले ही करा लिया है और यदि उसमें शिशु का लिंग नहीं मिलता तो इसका मतलब ये नहीं कि गर्भ में शिशु लड़की है अक्सर लोग इस तरह की गलतफहमी में बहुत जल्दी आ जाते हैं
दूसरे शब्दों में कहा जाए तो निरीक्षक शिशु का लिंग ढूंढ पाने में यदि नाकामयाब रहा तो यह मान लिया जाएगा, गर्भ में शिशु लड़की है।
परन्तु क्या आप जानते है शुरुआत में बेबी बॉय अथवा बेबी गर्ल के अल्ट्रासाऊंड इमेज दोनों में ही लिंग कि नामौजूदगी रहतीं हैं। क्योंकि शुरुआती दौर में penise और clitoris लगभग एक ही आकर और प्रकार के होते हैं।
हैमबर्गर साइन ( hamburger sign )
जब निरीक्षक अल्ट्रासाऊंड इमेज से किसी शिशु का लिंग जानने का प्रयत्न कर रहा होता है असल में वे लड़की के जननागों को खोजने का प्रयास करते है अधिकतर हैमबर्गर साइन को
हैमबर्गर साइन असल में हैमबर्गर के सामान ही दिखने वाले बेबी गर्ल के जननांग होते है। लबिया (Labia) और क्लिटरिस (clitoris) होठों के समान, जब ये दोनों निशान अल्ट्रासाऊंड इमेज में दिख जाते हैं तो इसे हैमबर्गर साइन कहा जाता हैं।
यहां clitoris ( होठों के समान दिखता ) तथा इसके बीच में Labia रहता है। जो देखने में हैमबर्गर के जैसे ही दिखता है।
टर्टल साइन ( turtle sign )
जब निरीक्षक अल्ट्रासाऊंड में बेबी बॉय को ढूंढने का प्रयास करता है असल में वे एक कछुए के आकार का चिन्ह खोजने का प्रयास करते हैं।
जहां लिंग की नोक दोनों टेस्टिकल्स के पीछे से बाहर निकल रहे होते हैं। लेकिन बहुत बार इस तरह के चिन्हों को पहचान पाना काफी मुश्किल होता है।
इसलिए इन निशानों के अलावा कुछ अन्य भी चीजें भी देखी जाती हैं जैसे – बेबी पोजीशन, गेस्टेशनल ऐज
सेजीटल साइन ( segittal sign )
प्रेगनेंसी के शुरूआत में (लगभग 11 से 13 सप्ताह के दौरान) सभी शिशुओं में उनके दोनों पैरों के बीच एक ट्यूबरकल नामक जनानंग विकसित हो जाता हैं जिसे नब भी कहा जाता हैं। यह एक धनुष की आकृति वाला चिन्ह होता है यहीं अंग आगे चलकर शिशु के जनानंगो में विकसित होते हैं।
इसे मिडलाइन सेजीटल प्लेन भी कहते है। यदि नब पर बनने वाला कोण रीढ़ की हड्डी से 10 डिग्री नीचे की ओर बन रहा है तो इसका मतलब गर्भ में शिशु लड़की हैं। वहीं अगर नब पर बनने वाला कोण रीढ़ की हड्डी से 30 डिग्री ऊपर बन रहा है यानी ये लड़का होने का सटीक लक्षण हैं।
इरेक्ट पेनिस ( Eract penise )
दूसरी या तीसरी तिमाही के अल्ट्रासाउंड में अक्सर यह देखा जाता है अल्ट्रासाऊंड इमेज में शिशु के लिंग में तनाव साफ नजर आ रहा होता हैं। शिशु के लिंग में तनाव आने से उसका जेंडर जानना बहुत आसान हो जाता हैं। इसे आप अल्ट्रासाऊंड में लड़के की पहचान कह सकते है।
वैसे गर्भ में शिशु के लिंग में तनाव आना बिल्कुल सामान्य है अतः आपको घबराने की भी जरूरत नहीं, क्योंकि बेबी बॉय में अक्सर ये देखे जाते हैं।
फ्लो ऑफ यूरिन ( flow of urine )
यदि आप Sonography test करवाते है तो कई बार उसमें आपको शिशु में हो रहे यूरिन का फ्लो भी साफ दिखाई दे जाता है। यूरिन का फ्लो देखकर भी आप अल्ट्रासाउड रिपोर्ट बाय और गर्ल जेंडर का पता लगा सकते हैं।
यदि यूरिन का फ्लो ऊपर सेे होकर जा रहा है तो यह लड़का है, लेकिन यूरिन फ्लो अगर नीचे से होकर जाए तब ये लड़की होती हैं।
सोनोग्राफी से पता लगाए कि पेट में लड़की है | गर्भ में बेटी होने के लक्षण – baby girl sonography report
यदि केवल आप गर्भ में लड़की होने की पहचान करना चाहते हैं तो सोनोग्राफी से बेबी गर्ल फिटस पहचानने के लिए सोनोग्राफर ultrasound image में मुख्य रूप से इन दो चिन्हों की खोज करता है –
हैमबर्गर साइन
यह बिल्कुल हैमबर्गर की आकृति में दिखने वाले निशान होते है अल्ट्रासाउंड इमेज में इनका मिलना गर्भ में लड़की होने का सटीक संकेत होता हैं। इस चिन्ह में labial दोनों clitoris (होंठो की आकृति) के बीच में होता है जिसे सोनोग्राफी में देखकर लड़की होने की पहचान की जाती हैं।
सेजीटल साइन ( Sagittal sign )
नब लिंग परीक्षण – ट्यूबरकल नामक अंग जो सभी शिशुओं में लगभग 11 से 13 सप्ताह के दौरान विकसित होते हैं जिसे नब भी कहते हैं। ये अंग दोनों पैरों के बीच में होता हैं। इसी अंग पर बनने वाले कोण से आप गर्भ में लड़की होने का पता लगा सकते हैं
यदि नब पर बनने वाला कोण रीढ़ की हड्डी से 10 डिग्री नीचे बन रहा है इसका मतलब गर्भ में शिशु लड़की हैं।
सोनोग्राफी से पता लगाए कि पेट में लड़का है| बेबी बॉय सोनोग्राफी रिपोर्ट इन हिंदी | baby boy symptoms in 3rd month
फ्लो ऑफ यूरिन
कई बार सोनोग्राफी करवाने पर उसमें शिशु में हों रहे यूरिन का फ्लो साफ़ दिखाई दे जाता है। इससे भी आप अल्ट्रासाउंड में बच्चा लड़का के संकेत जेंडर का पता कर सकते हैं यदि यूरिन का फ्लो ऊपर से होकर गुजर रहा हैं तो निश्चित हो जाए यह लड़का ही हैं।
मेल जेनिटल्स का दिखना
मिड प्रेगनेंसी अल्ट्रासाउंड जिसे लेवल 2 अल्ट्रासाउंड भी कहते हैं – कई बार 18 से 20 सप्ताह प्रेगनेंसी में सोनोग्राफी कराएं जानें पर उसमें शिशु के जननांग (मेल जेनिटल्स) साफ दिख जाते हैं जिससे उसके जेंडर की पहचान हो जाती है।
सेजीटल साइन ( Sagittal sign )
जिस तरह नब पर बनने वाला कोण जो रीढ़ कि हड्डी से 10 डिग्री नीचे बनता है वह लड़की होती है उसी तरह नब पर बनने वाला कोण जो रीढ़ कि हड्डी से 30 डिग्री ऊपर बन रहा है तो यह लड़का है लेकिन अगर ये बीच में है तो अभी जेंडर साफ बता पाना मुश्किल होगा।
गर्भ शिशु का लिंग जानने के अन्य तरीके | baby boy in womb symptoms
वैसे तो बच्चे का जेंडर पता लगाने के बहुत से तरीके है जैसे – पुराने समय के दादी माओ के नुस्खे, आज विज्ञान के पास भी बहुत सी तकनीके है जिनसे आप पता लगा सकते है कि पेट में लड़का है या लड़की
दादी मांओ के नुस्खों से जाने लड़का होगा या लड़की
आपकी जानकारी के लिए बता दें, इन उपायों के पूर्ण रूप से सत्य होने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है लेकिन ये आपको जन्म से पहले शिशु का लिंग जरूर बता सकते हैं…
गर्भ में लड़के की धड़कन कितनी होती हैं? – fetal heart rate
एक्सपर्ट्स के मुताबिक़ गर्भ में एक लड़के का दिल 140 bpm से कम गति में धड़कता है इसलिए यदि दिल कि धड़कन 140बीपीएम से कम है तो यह लड़का होता है। लेकिन धड़कन 140 bpm से अधिक रहने पर लड़की होती हैं।
शारीरिक तापमान से जानें लड़का या लड़की – body temperature
प्रेगनेंसी में यदि गर्भवति का शारीरिक तापमान ज्यादातर ठंडा ही रहता हो इसका मतलब पुत्र होता हैं वहीं शारीरिक तापमान गर्म होने पर पुत्री होती हैं।
खाने की तलब से पता लगाएं पेट में लड़का है या लड़की – food cravings
इसके मुताबिक अगर गर्भवती को ज्यादा मीठा खाने का मन करता हैं तो वह लड़की का जन्म देने वाली होती हैं। लेकिन गर्भवती को खट्टा अधिक पसंद आए तो लड़का होता हैं।
सपने से जाने बच्चे का जेंडर – dreams gender prediction
बताया जाता है यदि गर्भवती के सपने में पुरुष अधिक आते हो तो यह लड़की के जन्म का संकेत होता है वहीं स्त्रियां अधिक दिखने का मतलब लड़का होता है।
पेट पर लाइन से जेंडर जाने – linea Niagara
गर्भवती के पेट की भूरी लाइन अगर नाभि के नीचे तक जाती है तो यह गर्भ में बेटी होने की बताता है अगर भूरी लाइन नाभि ऊपर तक जाए तो ये बेटा होता हैं।
और तरीकों के लिए जरूर पढ़ें : कैसे पता लगाएं पेट में लड़का है या लड़की
अन्य वैज्ञानिक तरीको से शिशु का लिंग जानने के टेस्ट | Scientific test to know baby gender
सिर्फ अल्ट्रासाउंड या सोनोग्राफी ही नहीं जिससे गर्भ में बच्चे का लिंग (जेंडर) बेबी बॉय या बेबी गर्ल पता लगाया जा सके। विज्ञान के पास बहुत से तकनीके हैं जिससे लड़का होगा या लड़की पता किया जा सकता है जैसे –
NIPT test
नॉन इनवेसिव पैरेंटल टेस्ट यह एक non invasive test हैं मतलब इसमें किसी प्रकार से चीर फाड नहीं किया जाता, इस टेस्ट में शिशु में क्रोमोसोम्स की अबनॉर्मिलिटी का पता लगाया जाता हैं।
क्युकी इसमें शिशु के chromosome को टेस्ट किया जाता है जिसमें उसके जेनेटिक्स की सभी जानकारी होती है अतः यह संभव है कि उसका जेंडर भी पता लगाया जा सके
Amniocentesis
शिशु का विकास दर देखने के लिए इस टेस्ट को किया जाता है। इसके लिए डॉक्टर गर्भवती महिला के शरीर से कुछ मात्रा में amniotic fluid लेता तथा टेस्टिंग के लिए भेज देता है।
अमनियोसेंटेसिस में शिशु के जेनेटिक्स के सभी तरह के इंफॉर्मेशन होते है इससे भी शिशु का लिंग जन्म से पहले पता लगाया जा सकता है।
CVS test
ये DNA test के जैसे होता है। जब शिशु विकसित होने लगता, उसके क्रोमोसोम्स माता के रक्त में आने लगते है। जिसे आप CVS test के जरिए पता कर सकते हैं ।
वैसे CVS test करने का मूल्य लक्ष्य शिशु लिंग जांच नहीं, बल्कि शिशु में होने वाले जेनेटिक्स प्रॉब्लम को जानना रहता हैं।
जेनेटिक्स इंफॉर्मेशन की वजह से शिशु का लिंग cvs test के जरिए पता लगाया जा सकता हैं। लेकिन लिंग जांच के लिए यह बिल्कुल भी उचित तरीका नहीं है।
गर्भ में लिंग निर्धारण कैसे होता हैं | How baby boy or girl form
गर्भ में शिशु का लिंग निर्धारण उसी समय हो जाता है जब निषेचन अर्थात फर्टीलाइजेशन होता हैं। मतलब पुरूष के शुक्राणु महिला के अंडाणु से मिलते हैं
लिंग निर्धारण पूरी तरह chromosomes पर निर्भर करता हैं…
लिंग निर्धारण में पुरूष का महत्व
पुरुषों के शुक्राणु में [ X ] और [ Y ] तरह के क्रोमोसोम्स रहते है जहां [ X ] फीमेल क्रोमोसोम्स होता हैं तथा [ Y ] मेल क्रोमोसोम
लिंग निर्धारण में स्त्रियों का महत्व
महिलाओं के अंडाणु में केवल [ X ] तरह के है क्रोमोसोम्स होते है। इसका मतलब यदि आपको लगता हो लड़का या लड़की के जन्म में स्त्रियां जिम्मेदार होती है, ऐसा बिल्कुल भी नहीं..
लड़का होगा या लड़की
फर्टीलाइजेशन के समय यदि पुरूष के [ X ] क्रोमोसोम्स महिला के [ X ] क्रोमोसोम्स से मिलते हैं तब लड़की का जन्म होता है यदि पुरूष के [ Y ] क्रोमोसोम्स महिला के [ X ] क्रोमोसोम्स से मिलते हैं तब लड़का का जन्म होता हैं।
अतः यह पूरी तरह साफ है ना महिला ना पुरुष, दोनों ही बेबी बॉय या बेबी गर्ल के लिए कुछ नहीं कर सकते यह पूरी तरह नेचुरल प्रोसेस है। जिसमे कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
चलिए जाने अब तक हमने क्या क्या जाना….
FAQ – अकसर पूछे जाने वाले सवाल
अल्ट्रासाऊंड या सोनोग्राफी रिपोर्ट में कुछ ऐसे साइन होते है जिनसे एक्सपर्ट गर्भ में शिशु का लिंग पता लगाते है जैसे लड़कियों में – हैमबर्गर साइन, सेजीटल साइन तथा लड़को में कछुआ चिन्ह, इरेक्ट पेनिस, फ्लो ऑफ यूरिन आदि
अल्ट्रासाउंड एक रूटीन टेस्ट हैं जो प्रेगनेंसी के डिफरेंट स्टेजेस में किए जाते है। लगभग 18 से 20 सप्ताह के बीच एक ट्रेंड सोनोग्राफर शिशु की जांच के लिए डिटेल अल्ट्रासाउंड स्कैन करता है जिसे level 2 ultrasound भी कहते हैं। ये वही समय है जब सोनोग्राफर गर्भ में शिशु के जरूरी अंगो को मेजर करता है।
Hindiram के कुछ शब्द
सोनोग्राफी से कैसे पता लगाय कि पेट में लड़का है ? इसके लिए आपको अल्ट्रासाउंड इमेज में कुछ निश्चित साइन को देखना चाहिए। अल्ट्रासाउंड में बच्चा लड़का के संकेत जिसकी पहचान करने से आप गर्भ में शिशु के जेंडर की पहचान कर सकते है।